मां और बच्चे

February 1st, 2007 by pravinash Leave a reply »

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 मां और बेटेके प्यारका कोई नाम नहीं
  नाम क्यों चाहते हो उसका तो कोई दाम नहीं

  मां और बेटेका रिश्ता है अणमोल
  उसे जगतके तराझु में मत तोल
  
   मां और बेटा चाहे मुंहसे न कुछ बोले
   उनकी आंखे मीले और सारे भेद खोले

   मां का प्यार क्या बंधन है
   भगवानके बाद मांको वंदन है

   मां पूछे बेटीसे तेरा मेरा नाता क्या
   बेटीने हंसके कहा जैसे सोने में सोहागा

    मुझमें तू और तुझमें मैं
    भिन्न रहकर अभिन्न हम
    मेरी खुश्बु तेरी पहचान
    तेरा नाम है भगवद नाम

    मैं लाख चाहुं भूलान सकुं तुझे
    हर कदम पे तेरी आहट सुनाई दे मुझे

   मां और बेटी का रिशता
   धरती पर उतरा फरिशता

    मां बेटी के प्यारकी उष्मा
    कुदरतका अणमोल करिष्मा

    मां हो न हो बच्चे उसके अमर रहे
    मां के आशिषकी वर्षा बच्चों पर हरदम रहे 

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